क्या क्रिकेट विश्व कप का फ़ाइनल भारत जीतेगा ? यह प्रश्न उसी समय पैदा हुआ जब भारत सेमीफ़ाइनल का मैच पाकिस्तान से जीता था !
यह संकेत स्पष्ट हो रहे है कि विश्व कप २०११ का विजेता भारत होगा !
मैने सेमीफ़ाइनल मैच के विषय में जो फ़लादेश किया था वह सही साबित हुआ, अरे ये तो होना ही था कारण जब क्रिष्णमूर्ती पद्धति से प्रश्न कुण्डली का अध्यन किया गया तो ग्रह यह संदेश दे रहे थे कि भारत जीतेगा सो जीत गया, इसमें मेरा किसी भी प्रकार का कोई लेना देना नहीं था हां गुरुदेव के आशिर्वाद एंव बांके बिहारी जी की क्रिपा है जो मैंने प्रश्न कर्ता के प्रश्न का उत्तर देने के लिये ग्रहों की तत्कालीन स्थितियों के आधार पर उनकी ऊर्जा एंव उनके मनोवैज्ञानिक स्वभाव एंव प्रभाव का अध्यन कर यह कहने का प्रयास किया था !
आज मैने फ़िर फ़ाइनल मैच की बाबत होने वाले प्रश्नों के परिणाम स्वरूप पुनः प्रश्न कुण्डली के अनुसार ग्रहों के संकेतों के आधार पर फ़लादेश करने का प्रयास किया है जिसमें यह संकेत स्पष्ट हो रहे है कि विश्व कप २०११ का विजेता भारत होगा !मैं यहां पुनः स्पष्ट करदूं कि मै ऐसा कहने के लिये अधिक्रत नहीं हूं यह ज्योतिषीय गणना के आधार पर कह रहा हूं न ही मैं इस बात का अहंकार करता हूं, समस्त घटनाओं के लिये प्रभू ही मुख्य अधिकारी हैं, यहां मै अपने ज्योतिष प्रेमी मित्रों के सज्ञान के लिये पूर्णतः यह स्पष्ट करना चाहता हूं कि आखिर यह संदेश ग्रह कैसे दे रहे हैं !
प्रश्न तो लगातार संदेशों, फ़ोन, चैट आदि के मध्यम से हो रहे थे परन्तु आज शाम 16.43 बजे कानपुर में यह गणना मैने की: गण्ना के समय लग्न प्रश्न अंक के आधार पर व्रष बनी जो 00.00.13 थी अर्थात लग्न नक्षत्र स्वामी सूर्य हुआ जो कुण्डली के ग्यारहवें भाव में स्थित है जो लाभ का संकेत कर रहा है ! स्वयं लग्नेश शुक्र दशंम भाव में स्थित है ! यह संकेत स्पष्ट हो रहे है कि विश्व कप २०११ का विजेता भारत होगा !
आप का भविष्य कथन सही निकला| धन्यवाद|
जवाब देंहटाएंहम तो अपनी ही पहचान भूले प्रभु,
जवाब देंहटाएंहमे अपने से ही परिचित करा दीजिये
हम तो अपने ही घर में लुटे हैं प्रभु,
हमको अपना दिलासा दिला दीजिये||
हमको अपनों की करुना का आँचल मिले,
आपके घुंघराले बालो का काजल मिले,
हर पल आपका ही मैं बन्धन करू,
सोने मत दो हमे तुम जगा दीजिये...१
हर जगह पे तुम्हारा ही जलवा दिखे,
हर इक फूल हमको तो तडपा दिखे,
जग की पीड़ा को हर लो मेरे साँवरे,
अपना दिलकश सा चेहरा दिखा दीजिये...२
'हरिदासी' पुकारू सदा आपको,
यही पूजा हैं देखा करू आपको,
अब तो मोहन हमारे बहुत हो चुकी
मेरी उस पार नैय्या लगा दीजिये....३