शनिवार, 17 जुलाई 2010

विंशोत्तरी दशा पद्धति तथा फलादेश


वास्तव में विंशोत्तरी पद्धति ज्योतिष जगत कि सर्वाधिक प्रचलित एवम सर्वमान्य दशा पद्धति रही है इसके बारे में भारतीय वैदिक वैज्ञानिक पराशर जी ने तो एक ग्रन्थ ही लिखा है "उडुदाय  प्रदीप" जिसे लघुपाराशरी भी कहा जाता है उदु अर्थात नक्षत्र , दाय अर्थात दशा !
ज्योतिष जगत में विंशोत्तरी दशा पद्धति से फलादेश कि प्रथा तो अत्यंत ही प्राचीन है परन्तु यदि इस पद्धति से फलादेश करने वालो कि बात करे तो उनके फलादेश के जो नियम है वो कम ही समझ में आते है मैंने अपने एक मित्र जो स्वयम एक प्रतिष्ठित ज्योतिषी है उनसे कहा कि भाई जी आपकी दशा पद्धति तो नक्षत्र आधारित है पर फलादेश का तरीका उसमे कहीं भी नक्षत्र को महत्व ही नहीं दिया जाता कारण क्या है ! वो भी बिचारे क्या करते कहने लगे हमतो लघुपाराशरी के आधार पर ही फलादेश करते है हम ने कहा  फलादेश शतप्रतिशत सही भी तो नहीं होते इस बात को उन्होंने टाल दिया ! भैया जो पद्धति नक्षत्र आधारित है उसका फलादेश राशि के आधार पर नहीं हो सकता, अरे भाई इतने नियम बना डाले कि ग्रह यहाँ हो तो ऐसा होता है यहाँ देखे तो ऐसा होता है फल ग्रह शुभ होता है फल ग्रह अशुभ होता है 
जन्म समय चंद्रमा जिस नक्षत्र में होता है उस नक्षत्र के आधार पर यह निश्चित हो जाता है कि किस ग्रह कि दशा में जन्म हुआ है !
प्रत्येक ग्रह जिस नक्षत्र में स्थित होता उस नक्षत्र स्वामी ग्रह के अनुसार फल प्रदान करता है माना कि मंगल यदि सुकर के नक्षत्र में स्थित हो तो मंगल उत्त्साह में बदल जायेगा और शुक्र जहा स्थित होगा वाहा कि बात करने लगेगा !
ग्रह जिस भाव का स्वामी होता है उस भाव कि बात कर रहा होता है परन्तु जहा स्थित होता है उस भाव में अपने स्वामित्व वाले भाव कि बात करता है !
उदाहरण के लिए मेष लग्न कि कुंडली में शुक्र दुसरे तथा सप्तम भाव का स्वामी होता है वो दुसरे तथा सप्तम भाव के विषय का फल प्रदान करेगा अब शुक्र किसी भी बहव में स्थित हो यदि वो किसी ऐसे ग्रह के नक्षत्र में स्थित हो जो ग्रह ग्यारहवे भाव में स्थित हो तो शुक्र कि दशा में लाभ ही होगा कारण शुक्र का नक्षत्र स्वामी लाभ भाव में है !
वृश्चिक लग्न कि कुंडली में शनि तृतीय एवम चतुर्थ भाव का स्वामी होकर छटे भाव भाव में केतु के नक्षत्र में स्थित है केतु ग्यार्वे भाव में है जातक कि शनि कि दसा लगते ही जातक को जर्दुस्त धन लाभ हुआ ये प्रमाण है!