मंगलवार, 27 अप्रैल 2010

ज्योतिष और योग

 प्राय: देखा जाता है की ज्योतिष की पुस्तको में लिखित योग के आधार पर ज्योतिषी फलादेश करते है ! यह अपना अपना तरीका है परन्तु यदि ध्यान दिया जाये तो काफी अचम्भा होगा की, एक लग्न प्राय: दो घंटे की होती है मान लीजिये की किसी दिन भी एक लग्न में अर्थात दो घंटे के अन्दर चालीस बच्चे जन्म लेते है तब चालीसों बच्चो की कुंडली एक ही लग्न की होगी, कुंडली भी बिलकुल एक जैसी ही होगी तथा कुंडली में स्थित ग्रह जिन योगो का निर्माण कर रहे होंगे वह सभी चालीसों कुंडली में एक जैसी ही होगी ! 

अब यहाँ सर्वाधिक ध्यान देने वाली बात यह है की कुंडलियों में ग्रह जो भी योग निर्माण कर रहे है क्या वह सभी चालीसों बच्चो पर लागु हो रहे हैं , माना की गजकेसरी योग सभी कुंडलियों में निर्माण हुआ है क्या सभी की सामाजिक स्थिति राजा के सामान होगी , माना अल्पायु योग बन रहा है तो क्या सभी की अल्पायु में म्रत्यु हो जाएगी !


बुधवार, 14 अप्रैल 2010

ज्योतिष चिकित्सा

जब भी कोई अपने बारे में या अपनी समस्या के समाधान जानने के लिए किसी ज्योतिषी के पास जाता है तो आम तौर पर अल्पज्ञानी ज्योतिषी मनोविज्ञान का प्रयोग करते हैं उनका दिमाग सिर्फ उस आगंतुक के भाव को पढ़ने में लगा रहता है कुंडली नहीं जब की यदि आप किसी वास्तविक विद्वान के पास किसी समाधान के लिए जायेंगे तो वह सिर्फ कुंडली देखेगा आपको नहीं न ही आपसे आपकी समस्या के बारे में पूछेगा !
जब भी आप किसी विद्वान ज्योतिषी के पास जाते है तो उसी समय कुंडली देखते ही ज्योतिषी वर्तमान ग्रहों की दशा आदि से यह निश्चित कर लेता है की आज क्या घटनाक्रम चल रहा है उससे लाभ या हानि हो रही है तथा उसका क्या निराकरण किया जाय की कोई भी साइड इफेक्ट न होने पाए , क्यों की ये देखना भी जरुरी है की हर क्रिया की प्रतिक्रिया जरुर होगी यह नियम है कारण हो सकता है ज्योतिषी का बताया उपाय कही कोई साइड इफेक्ट कर रहा हो यदि ऐसा होता है तो उपाय करना बंद कर के तुरंत ज्योतिषी जी से संपर्क करना चाहिए क्यों की उपाय बताते समय हो सकता है ज्योतिषी जी का ध्यान उस ओर न गया हो आखिर इन्सान ही तो है !
क्यों की जब भी आप किसी ज्योतिषी के पास जाते है तो यह निश्चित है की आपकी कुंडली में सलाह लेने का योग बन रहा है कोई ग्रह मदत करना चाहता ही और वही आपको ज्योतिषी के पास ले जाता है !
परन्तु किसी के पास जाने से पहले उसके ज्ञान के बारे में जानलेना चाहिए 
या कुंडली दिखाते समय ही ज्योतिषी को समस्या न बताकर उनसे ही पूछे की क्या चल रहा है इससे आपका विस्वाश ज्योतिषी के प्रति बढ़ जायेगा और विस्वाश ही फलदायी होता है क्यों की दवा फायदा उतना ही करेगी जितना उस दवा पर विस्वाश होगा !

ज्योतिषी की समज के प्रति जिम्मेदारियां

आज समाज में ढेरो ऐसी संस्थाएं हैं जो मात्र चार छे महीने में ज्योतिष का कोर्स करा रही हैं क्या चार छह महीने में ज्योतिषी बना जा सकता है या ज्योतिष पढ़ी जा सकती है यह जो भी संस्थाएं कर रही हैं सरकार का इनपर नियंत्रण होना चाहिए ज्योतिष एक भारतीय वैदिक विज्ञानं है इसकी प्रगति होनी चाहिए पर यदि जिस प्रकार संस्थाएं प्रमाण पत्र दे देकर झोला छाप ज्योतिषियों की फौज तैयार कर रही हैं यह समाज और देश  के  भविष्य के लिए अहितकर है कारण जब एक विज्ञानं का विद्यार्थी , चिकित्सा विज्ञानं पढ़कर डाक्टर बनना चाहता है तो सबसे पाहिले उसे एक परीछा देनी पड़ती है जिसमे उसे ये सिद्ध करना होता है की वो चिकित्सा विज्ञानं की डिग्री की जो भी पढाई है उसको पढने के योग्य है अर्थात उसमे आधारभूत योग्यता है उसके बाद भी पढने के साथ साथ उसे प्रक्टिकल तौर पर हॉस्पिटल में जाना पड़ता है इसमे जब पाँच छह वर्ष बीत जाते हैं तब उसे डिग्री हासिल होती है 

समाज और ज्योतिष के साथ खिलवाड़ करने वाले भी ज्योतिषी ही हैं कष्ट सबसे बार यही है की आज ज्योतिष का उपयोग इस कदर हो रहा है की इसके भविष्य का भगवान ही मालिक है !  रही  बात ज्योतिष सम्बेलनो की मै ने भी कई सम्बेलन देखे की शायद बड़े बड़े विद्वान आते हैं कुछ नै शोधे प्रस्तुत करे पर कही कुछ नया नहीं होता एक दुसरे को माला पहिनते है एक दुसरे को सम्मान पत्र देते है शाल उढ़ाते है फोटो खिचाते हैं आखिर एक बात समझ में नहीं आती की ये जो भी हो रहा है इसके पीछे ज्योतिष के विद्वान ही हैं !

विद्या किसी की जागीर नहीं है सभी को ज्योतिष पढने का पूरा अधिकार है पर सबसे पहले यह जानना चाहिए की जब हमें यह विस्वाश हो जाये की कुंडली में हम जो देख कर कह रहे हैं यही होना चाहिए नहीं यही है इतना अनुभव होना चाहिए नहीं तो अधुरा ज्ञान खुद के साथ साथ दुसरे को भी डुबो देगा "हम तो डूबेंगे सम तुम को भी ला डूबेंगे" यही होगा !

ये जो भी हो रहा है इसके लिए समाज भी जिम्मेदार है जरा कोर्स करने वाली सस्थाओं के ठेकेदारों से पूछिए की जब सिर्फ पाँच मिनट के अन्तराल में दो बच्चे  जन्म लेते हैं तो उनमे फर्क क्यों होता है इसपर राय दे दोनों के ही कुंडली , लग्न , ग्रह , दशाएं एक सी होती है दोनों की शनि की साडे शाती एक साथ चलती है एक तरक्की करता है एक परेशनियो को झेलता है , ज्योतिष पूर्णतया सत्य है जरुरत  है की गहरे तक पंहुचा जाये पर वक़्त किसके पास है धंधेबाज है !

मेरा उद्देश्य किसी की बुराई  करना नहीं है पर इस विषय पर हम सभी को तथा सरकार को भी विचार करना चाहिए !

ज्योतिषी की समज के प्रति जिम्मेदारियां

आज समाज में ढेरो संस्थाएं बन चुकी हैं जो की चार छे महीनो में एक साधारण व्यक्ति को ज्योतिषी बना रही हैं ज्योतिष के नाम पर मात्र दस बीस हजार रुपये लेकर प्रमाण पत्र दे देती हैं जरा सामाजिक drastikon से 

शनिवार, 10 अप्रैल 2010

ज्योतिष शतप्रतिशत विज्ञानं है !


आज हम देख रहे है की समाज में ज्योतिष की लोकप्रियता बढती जा रही है, मांग और पूर्ति का भी एक सिधांत है की जब किसी चीज की मांग ज्यादा बढ़ जाती है तो वहां कुछ न कुछ गलत होने लगता है आज हमें सोचना चाहिए की माता सीता का हरण करने के लिए रामण को एक साधू का भेष धारण करना पड़ा था आखिर इसलिए ही की साधू के प्रति माता सीता आस्था रखती थी और आसानी से रामण उनकी भावनात्मक इस्थितियों का गलत इस्तेमाल कर उनका हरण कर लंका ले जाने में कामयाब हो जायेगा !


ठीक इसी प्रकार आज जब ज्योतिष का प्रचार - प्रसार तथा लोकप्रियता बढ़ रही है तो कुछ लोग धन के लोभवश ज्योतिष के अधकचरे ज्ञान का उपयोग कर स्वयं तो अपना उल्लू सीधा कर रहे हैं पर ज्योतिष जो वैदिक ऋषियों तथा वेदों का अमूल्य ज्ञान है उसकी लोक्रियता तथा विस्वसनीयता को छति हो रही है !

आज समाज में यह देखने को मिलता है की वैज्ञानिक तथा अन्य लोग देश के  विख्यात ज्योतिषियों से टीवी के प्रोग्रामो में चुनौती देते हैं की वह ज्योतिष की विस्वसनीयता सिद्ध करें टीवी प्रोग्राम में पुरे जनमानस के सामने ज्योतिषी यह सिद्ध नहीं कर पते की ज्योतिष विज्ञानं है क्यों कारण सिर्फ इतना सा है की उनके ज्ञान पर भौतिकता और पर्दा पड़ा है !

ज्योतिष धन उपार्जन का साधन हो सकती है पर ज्योतिष साधना का विषय है और साधना वातानुकूलित कमरों में रहकर नहीं हो सकती टीवी पर प्रोग्राम देखकर इन ज्योतिषियों को तो सरम नहीं आइ होगी पर प्रोग्राम देखकर मुझे या जो भी ज्योतिष प्रेमी हैं उनको जरुर दर्द हुआ होगा होना भी चाहिए , इस जगत में कोई भी विज्ञानं पूर्ण नहीं है पूर्ण सिर्फ परमात्मा है तो फिर ज्योतिष विज्ञानं की ही प्रमाणिकता क्यों मांगी जा रही है कारण ये जो भी कथाकथित ज्योतिष के विद्वान हैं सस्ती लोकप्रियता हाशिल करने के चक्कर में राशिफल , भाविश्यवानियाँ टीवी , पत्रिकाओं, अखबारों आदि में करते है हल्दी का रंग मालूम नहीं है पंसारी बने धूम रहे है दस्तखत करना आता नहीं कलक्टर बनाने का फार्म भर रहे हैं !

अरे भाई एक राशी के करोणों लोग हैं आप एक बांश से सभी को हांके जा रहे हो जोकरई करना अब भी बंद कर दो अपना नहीं तो कम से कम जिस ज्योतिष से तुम्हारी रोटी चल रही है उसकी ही खातिर सही अरे भाई अंडा खाओ तो खाओ मुर्गी पर तो तरस खाओ प्यारे !

अब रही बात ज्योतिष की तो भाई एक अस्पताल में एक ही मर्ज  के पाँच मरीज भर्ती हुए एक ही कमरे में भर्ती किये गए एक ही डाक्टर  इलाज करता  है परिणाम एक मरीज दो दिन में , दूसरा तीन दिन में , चौथा चार दिन में , पांचवा ठीक नहीं होता ओपरेशन करना पड़ता है फिर भी मर जाता है क्या अस्पताल की विस्वसनीयता पर या डाक्टर की विस्वसनीयता पर या दवाइयों की विस्वसनीयता पर प्रश्न चिन्ह लगाना चाहिए प्रत्येक मरीज की अपनी रोग प्रतिकारक सक्तियाँ भिन्न हैं टिक उसी तरह ज्योतिष भी है 

गुरुवार, 8 अप्रैल 2010

राशिफल या ड्रामा

राशिफल की सत्यता , आज समस्त पत्र, पत्रिकाओ , न्यूज़ चेनलो आदि में   सभी जगह राशिफल का बोलबाला है !
आज ज्योतिषी लोग जहाँ जिस पत्रिका , पेपर , टीवी चैनलों ,  ऍफ़ एम् आदि पर सस्ती लोकप्रियता हाशिल करने के चक्कर में राशिफल लिख रहे हैं कुछ राशी फल गा रहे हैं कुछ तो चेनलों पर इस तरह आते है लगता है कोई हारर  शो  चालू हुआ है !
जनता को बेवकूफ बनाने और सस्ती लोकप्रियता हाशिल करने के लिए ये ज्योतिषी, नौटंकी के जोकर बनकर जो भी ड्रामा टीवी चनलो पर करते है उसे देखकर भोलेभाली जनता जिसकी  धर्म और ज्योतिष पर आस्था है डर जाती है ! एक ज्योतिषी जो टीवी पर जोकर की तरह ड्रामा कर रहा है आता है चिल्लाता है " मेष राशी वालों होशियार हो जाओ मंगल कर्क में नीच राशी  में चल रहा है आपको ऐसा होगा ऐसा होगा आप आज अपने जीवन साथी से धोखा कहेंगे आदि आदि "  चिल्लाता है !
अब जरा सोचिये की की ये गधे की तरह रेक रहा है पर इसका असर दर्शकों पर क्या हो रहा है  लोग तो समझाते है की आप रोज टीवी पर आते हो बहुत ज्ञानी हूँ आपकी बात पूर्णतया सत्य होगी !

अरे भैया जोकर की तरह ड्रामा ही करना था तो ज्योतिष को क्यों बदनाम कर रहे हो , वैदिक धर्म और ज्ञान का ड्रामा बनाकर धन इकठा करना चाहते हो  अरे भैया तुमसे अच्छी तो रेड एरिये वाली है जो अपनी देह का सौदा करती है तुम तो अपनी विद्या पर कालिख लगा कर धन इकट्ठा करना चाहते हो !

अब हम बात करते है राशिफल की  टीवी पर जोकर ने बताया की मेष राशी को खतरा है , एक अदालत में एक मुकदमा चल रहा है पाँच लोग उस अदालत में है पांचो मेष राशी के है एक न्यायाधीश  है दो  वकील है  एक वादी एक प्रतिवादी न्यायाधीश फैसला  करता है एक मुकदमा हरता   है एक जीतता है पर जोकर रोज चिल्लाता है लोगो को डरता है बाद में अपना पता बताता है जो डर जाता है या जोकर का जादू जिसपे चल जाता है वो जोकर के संपर्क में आता है जोकर उसकी हजामत बनता है  
१०० ग्राम लगता है और सो जाता है ये सिलसिला चलता चला जाता है !

मेरे भाई एक राशी के दो लोग एक मुलायम एक माया , जोकर एक ही राशिफल बता रहा है पर भाई एक को को करोडो की माला पहने जा रही है दुसरे को उसके ही साथी  रस्ते में छोड़कर भाग गए ! दोनों उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री रहे चुनाव एक समय में लड़े एक जीता दूसरा हरा पर जोकर चिल्लाता रहा !

मैंने जोकर  से पुछा ये क्या हो रहा है भाई क्या हो रहा है जोकर बोला ये दुनिया एक ड्रामा है और ड्रामा है हो रहा है बेवकूफों का धन बुद्धिमान खा रहा है !