मंगलवार, 30 नवंबर 2010

ज्योतिष फलादेश असफल क्यों होते है?

मित्रों ज्योतिष एक विज्ञान है परन्तु इस विज्ञान का इस्तेमाल एक विज्ञानिक 
ही कर सकता है जिसने इस ज्योतिष विज्ञान पर कुछ शोध किया हो इसके 
सिद्धान्तो के बारे मे स्वयं अनुभव किया हो कहने का तात्पर्य सिर्फ़ इतना है 
कि पुस्तकीय सिद्धान्त जब प्रयोगिक तौर पर अनुभव मे आते है तभी सिद्धन्तो
के मूल की जानकारी होती है !

जैसे गुरुत्वाकर्षण शक्ति के सिद्धान्त का प्रतिपादन न्यूटन ने किया था तो क्या
ये कहा जाना चाहिये कि न्यूटन के प्रतिपादन से पूर्व क्या गुरुत्वाकर्षण शक्ति 
नही थी या लोगों को गुरुत्वाकर्षण शक्ति के बारे मे मालुम नही था ! गुरुत्वाकर्षण
शक्ति पहले भी थी आज भी है शायद लोग उसे किसी दूसरी संज्ञा से पुकारते रहे 
हो ये हो सकता है !

ज्योतिष के बारे में लोगो में अलग अलग धारणाये है जैसे लोग इसे ज्ञान, शास्र,
विद्या, हुनर या एक कला के रूप में जानते है होता ये है की अधिकांशतः ज्योतिषी
सिर्फ़ साधारण तौर पर कुछ पुस्तकीय ज्ञान के आधार पर ही फ़लदेश करते है 
और फ़लदेश गलत साबित हो जाता है कारण सिर्फ़ इतना है कि यदि थोडा सा 
गहन अध्यन किया गया होता तो फ़लादेश गलत साबित नही होता ! 

एक जातक एक ज्योतिषी से सलाह लेता है ज्योतिषी सिर्फ़ दशम भाव मे स्थित 
एक कारक ग्रह देखता है जिसकी दशा प्रारम्भ होने वाली थी ! ज्योतिषी ने 
फ़लादेश किया कि आने वाले छः माह के दौरान नौकरी मे पदोन्नति, व्यापार 
मे तरक्की या लाभ प्राप्त होगा ! समय बीतता गया जातक के जीवन मे कोई शुभ 
बदलाव होने के बजाय, उसे हानि हुई ! एक फ़लादेश गलत साबित होता है कुछ 
ज्योतिष को दोष देते है कुछ ज्योतिषी को ! आखिर दोषी है कौन ज्योतिष या 
ज्योतिषी ! वास्तव मे अगर गहन मन्थन किया जाये तो ना ज्योतिष दोषी है ना
ही ज्योतिषी ! हां ज्योतिषी का इतना कसूर है कि उसने सिर्फ़ किताबी ज्ञान का 
इस्तेमाल किया जब कि पुस्तकीय सिद्धन्तों की गहराई समझने की आवश्यकता
है उन्हे अनुभव मे लाने से पूर्व प्रयोगात्मक रूप से ग्रह, राशि एवम नक्षत्र का 
वास्तविक एवम तत्कालिक स्वभाव एवम गुण का अध्यन करना चाहिये था !

इसी तरह अन्य मामलों में ज्योतिषी भविष्यवाणी करते हैं कि:-
समय बुरा चल रह है दुर्घटना हो सकती है आप अस्पताल में भर्ती हो सकते है !
शादी हो सकती है ! तलाक होगी ! अपनी नौकरी खो सकते हैं !
लेकिन यह कभी नहीं हुआ, भविष्यवाणी गलत हो गयी !
इन सभी मामलों में ज्योतिषी सहित सब हैरान रह गये !
परन्तु ज्योतिषी अभी भी सफ़ाई देते है कि विपरीत राज योग के कारण ऐसा हुआ आदि आदि !

यदि ज्योतिषी ग्रह , राशियों एवम नक्षत्रों के गुण स्वभाव का गहन अध्यन करने के 
साथ साथ वैदिक ज्योतिष के सिधन्तो का अध्यन करें तो सत प्रतिशत शुद्ध फ़लादेश
या भविष्यवाणी की जा सकती है !