रविवार, 10 जुलाई 2011

मंगल दोष



मंगल दोष : बात लगभग दो महिने पहले की है जब सुबह मैं जब टहलने जा रहा था तभी मेरे नगर के एक बुजुर्ग रास्ते में मिल गये कहने लगे कि अवस्थी जी आपसे एक काम है मैने कहा आदेश करिये !
वो मेरे साथ-साथ टहलते हुए वो काफ़ी दुखी मन से बोले, "मेरी एक पोती की कुण्डली में मंगल दोष है !"
मैंने मह्सूस किया कि वो बहुत दुखी भाव से यह सब कह रहे थे, उनकी आंखों मे भय तैर रहा था....
मैने मुस्कुराते हुए उनसे प्रश्न किया,  "ये मंगल दोष आखिर क्या है?"
वो बुजुर्ग हैरानी से मेरी ओर देखते रह गये बोले’ "भैया अभी पिछले हफ़्ते जब दिल्ली गया था वहीं मेरी बडी बेटी की ससुराल है उसी की रिश्तेदारी में ही एक लडका था जिससे मेरी पोती के रिश्ते के लिये बात चल रही थी सो कुण्डली लडके वालों के यहां गई थी जब मैं दिल्ली गया था तो उन्होने ही बताया कि एक पंडित जी को उन्होने विवाह मिलान के लिये कूण्डली दिखाई थी तो लडके वाले बता रहे थे कि पंडित जी ने कहा है कि इस लडकी की कुण्डली में मंगल दोष है ये बहुत अशुभ है"
इतना सुनकर मुझे दुख तो हुआ पर क्रॊध भी आ रहा था कि ये कौन सा ड्रामा है मंगल दोष ?
मैंने उनसे कहा कि ये कोई भी दोष नहीं है आप मुझे कुण्डली दिखाना !
उन्होंने मुझे बताया कि लडके के पिता उनके बहुत पुराने मिलने वाले हैं उन्होने मुझे ये मंगल दोष की जो बात बताई है ये घर में कोई नहीं जानता, क्यों कि इस दोष के बारे में यदि घर पर सभी जानेगे तो चिन्ता बढेगी !
मैने उनसे प्रश्न किया कि इस दोष से मुक्ति का कोई उपाय क्या दिल्ली वाले महराज जी ने बताया है !
इस पर वह बोले हां एक अनुष्ठान की बात कही है लगभग २०,०००/- का खर्च लडके वालों से बताया था !
मैने उनसे कहा आप लड्के वालों के माध्यम से पंडित जी से बात करिये कि यदि यह अनुष्ठान करा दिया जाय तो क्या उस लडके के साथ आपकी पोती की शादी हो सकती है ? और उसके बाद मुझे दोनो कूण्डली दिखा दीजियेगा ! आप किसी तरह का किसी से कोई वादा मत कीजियेगा और तनाव में मत रहिये ये राज काज है सब ठीक हो जायेगा ! आप अपनी टेंशन मुझे दे दो !
इतना सुनकर वो बोल पडे जब से दिल्ली से आया हूं बहुत टेंशन है घर में किसी को कोई बात नही बताई है कारण मैं दिल्ली किसी दूसरे काम से गया था, बेटे को इसलिये नहीं बताई कि व्यापार का ही काफ़ी टॆंशन है और वो ब्लडप्रेशर का मरीज भी है !
खैर मैने उन्हे शाम सात बजे का समय दिया कि दोनो का जन्म विवरण और पंडित जी की राय के साथ मुझे मिलिये !
शाम सात बजे वो मेरे पास आ गये उनके चेहरे से संन्तुष्टि झलक रही थी परन्तु उस वक्त मैं कुछ अन्य लोगों के साथ व्यस्त था, लगभग आधे घंटे बाद उनसे मेरी बात हुई !
वो तुरन्त मुझसे कहने लगे कि पंडित जी का कहना है कि अनुष्ठान सम्पन्न होने के बाद दोष शान्त हो जायेगा तब इन दोनो की शादी में कोई व्यवधान नहीं है !
मैने प्रश्न किया कि क्या इस सम्बन्ध के लिये लडके वाले राजी हैं ?
इस पर वह कहने लगे कि लडके के पिता से उनके घनिष्ट संम्बन्ध हैं वह तो राजी हैं इसमें कोई समस्या नहीं है ! वो तो अनुष्टान अपने घर पर ही करवाना चहते हैं !
मैने कहा खैर आप अभी ये सब छोडिये अभी तो दोनो की कुण्डली देखी जाय !
सबसे पहले लडके की कुण्डली मैने देखी बस मेरे मुह से एक ही बात निकली कि ये शादी नहीं करनी है इस लड्के के जीवन में स्थायित्व वैवाहिक स्तर पर नहीं है अर्थात दाम्पत्य जीवन में तनाव रहेगा, और बाकी सब छोड कर आप किसी तरह इस बात की जांच कराइये कि इस लडके का समाजिक रहन सहन कैसा है !
इस पर वह तुरन्त बोले हां ये तो मै तुरन्त पता करवा लुंगा मेरे कई रिस्तेदार दिल्ली में है और सभी व्यापारी है लड्का अपना स्वयं का व्यापार चलाता है तुरन्त पता चल जायेगा,
अब वो मुझसे लडकी की कुण्डली देखने को कहने लगे !
मैने कहा लड्की की कुण्डली बाद में देखुंगा जब आप लडके के बारे में सही जानकारी पता कर लेंगे तब फ़िर लडके की पत्री देखेंगे !
लगभग चार दिन के बाद दोपहर में उनका फ़ोन आया कि वो आज मिलना चाहते हैं मैने शाम सात बजे आने को कहा !
शाम सात बजे वो आ गये साथ में मिठाई का डिब्बा भी ले कर आये थे मैने उनके चेहरे की रंगत देखी तो बात समझ में आ गयी कि लडके के बारे मे तहकीकात पूरी हो गई है !
मैने पूछा बाबू जी क्या बात है आज तो बिल्कुल तरो ताजा लग रहे हैं !
मेरा इतना कहना हुआ कि बाबू जी बोल पडे वो लडका तो बिल्कुल वैसा ही है जैसा आप कह रहे थे बोले उस लड्के की बाजार में मेरा एक रिस्तेदार दलाली का काम करता है उनसे मैने कहा था वो बोले कल मै बाजार के कुछ जवान लड्कों से बात करूगा !
बाबु जी कहे जा रहे थे , जिससे भी उस दलाल नें उस लडके के बारे में पूछा उसने ही उसकी चरित्रिक एंव सामजिक बुराई ही की यहां तक कि उस दलाल को भी यकीन नहीं हो रहा था कारण वह उस बाजार में लगातार रहता है और उसको भी नहीं मालुम था, यहां तक कि लडका देखने में बहुत शरीफ़ लगता है कोई कह नहीम सकता कि चरित्रिक तौर पर इतना खराब है !  

मुझे तो वो बुजुर्ग मिठाई का डिब्बा देकर बोले अब आप बताइये क्या आज मेरी पोती की कूण्डली देखेंगे ?
मैने उनसे कहा अब यह कुण्डली मै तभी देखुंगा जब जरूरत होगी !
उन्होने मुझसे प्रश्न किया कि कम से कम वो जो मंगल वाला खतरनाक योग है उसका तो कुछ निवारण निकालिये !
मैने कहा बाबू जी जिसकी रक्षा स्वयं भगवान कर रहा है उसके लिये हम क्या कर सकते हैं !
अब आप ही बताइये अगर वह दिल्ली वाले पंडित जी नें अगर मंगल योग ना बताया होता तो शादी भी तय हो जाती और आखिर पोती की जिंदगी भी खराब हो जाती सारा का सारा दोष भी आप पर ही आता, खैर जिसकी कुण्डली में मंगल दोष है उसका अमंगल कैसे हो सकता है भाई मंगल अर्थात कल्याण तो दोषी कैसे होगा !
बाबू जी मुस्कुराने लगे कारण वह मुझे बचपन से जानते थे वह बोले अच्छा अब कम से कम ये तो बताइये मै क्या करूं ?
मैने कहा आप आज ड्राइवर के साथ चिडियाघर जाईये और बंदरों की दावत करिये !
शाम को उनका फ़ोन आया तो कहने लगे सभी घर के लोगों को भी पूरी घटना बतादी कारण चीडियाघर जाने की बात से आखिर बात चली और सभी को बता दी और आज चिडियाघर में मंगल देव के दूतों अर्थात बन्दरॊं की दावत की,,,,,,,,,,,
अब आप ही बताइये प्रभू को जिसका कल्यांण करना है तो वो कैसे भी हो होगा !

मेरा यहां कहने का तात्पर्य सिर्फ़ इतना है कि किसी भी कुण्डली के किसी भाव में किसी ग्रह के स्थित होने से ना तो कोई ग्रह शुभ होता है ना अशुभ !
शुभ और अशुभ का मूल्यांकन करने के लिये ये देखना अत्यंन्त आवस्यक है कि ग्रह किस भाव का स्वामी है तथा अपने स्वामित्व भाव से कितने अंशों के अन्तर पर उस भाव में आकर स्थित हुआ है, तथा ग्रह का मनोवैज्ञानिक स्वभाव एंव चरित्र क्या है अब ग्रह जहां बैठा है कम से कम यह तो मूल्यांकन करना चाहिये कि जिस स्थान अर्थात राशि/नक्षत्र में बैठा है उस क्षेत्र की ऊर्जा का स्वभाव चरित्र क्या है अर्थात ग्रह-राशि-नक्षत्र तीनों के मनोवैज्ञानिक स्वभाव चरित्र के समन्वय के आधर पर ही कोई फ़लादेश करना चाहिये, ये आवश्यक नहीं कि जो हमें दिख रहा है वह प्रमाणिक तौर पर सत्य है, इसलिये सूक्ष्म तरीके से अध्यन तथा मूल्यांकन करने के पश्चात ही कुछ कहना चाहिये !
अन्यथा किसी त्रुटी का फ़ल ज्योतिष को भुगतना ही पडेगा ! कारण जातक के साथ तो वही होगा जो ग्रह कह रहे हैं !
मंगल दोष : बात लगभग दो महिने पहले की है जब सुबह मैं जब टहलने जा रहा था तभी मेरे नगर के एक बुजुर्ग रास्ते में मिल गये कहने लगे कि अवस्थी जी आपसे एक काम है मैने कहा आदेश करिये !
वो मेरे साथ-साथ टहलते हुए वो काफ़ी दुखी मन से बोले, "मेरी एक पोती की कुण्डली में मंगल दोष है !"
मैंने मह्सूस किया कि वो बहुत दुखी भाव से यह सब कह रहे थे, उनकी आंखों मे भय तैर रहा था....
मैने मुस्कुराते हुए उनसे प्रश्न किया,  "ये मंगल दोष आखिर क्या है?"
वो बुजुर्ग हैरानी से मेरी ओर देखते रह गये बोले’ "भैया अभी पिछले हफ़्ते जब दिल्ली गया था वहीं मेरी बडी बेटी की ससुराल है उसी की रिश्तेदारी में ही एक लडका था जिससे मेरी पोती के रिश्ते के लिये बात चल रही थी सो कुण्डली लडके वालों के यहां गई थी जब मैं दिल्ली गया था तो उन्होने ही बताया कि एक पंडित जी को उन्होने विवाह मिलान के लिये कूण्डली दिखाई थी तो लडके वाले बता रहे थे कि पंडित जी ने कहा है कि इस लडकी की कुण्डली में मंगल दोष है ये बहुत अशुभ है"
इतना सुनकर मुझे दुख तो हुआ पर क्रॊध भी आ रहा था कि ये कौन सा ड्रामा है मंगल दोष ?
मैंने उनसे कहा कि ये कोई भी दोष नहीं है आप मुझे कुण्डली दिखाना !
उन्होंने मुझे बताया कि लडके के पिता उनके बहुत पुराने मिलने वाले हैं उन्होने मुझे ये मंगल दोष की जो बात बताई है ये घर में कोई नहीं जानता, क्यों कि इस दोष के बारे में यदि घर पर सभी जानेगे तो चिन्ता बढेगी !
मैने उनसे प्रश्न किया कि इस दोष से मुक्ति का कोई उपाय क्या दिल्ली वाले महराज जी ने बताया है !
इस पर वह बोले हां एक अनुष्ठान की बात कही है लगभग २०,०००/- का खर्च लडके वालों से बताया था !
मैने उनसे कहा आप लड्के वालों के माध्यम से पंडित जी से बात करिये कि यदि यह अनुष्ठान करा दिया जाय तो क्या उस लडके के साथ आपकी पोती की शादी हो सकती है ? और उसके बाद मुझे दोनो कूण्डली दिखा दीजियेगा ! आप किसी तरह का किसी से कोई वादा मत कीजियेगा और तनाव में मत रहिये ये राज काज है सब ठीक हो जायेगा ! आप अपनी टेंशन मुझे दे दो !
इतना सुनकर वो बोल पडे जब से दिल्ली से आया हूं बहुत टेंशन है घर में किसी को कोई बात नही बताई है कारण मैं दिल्ली किसी दूसरे काम से गया था, बेटे को इसलिये नहीं बताई कि व्यापार का ही काफ़ी टॆंशन है और वो ब्लडप्रेशर का मरीज भी है !
खैर मैने उन्हे शाम सात बजे का समय दिया कि दोनो का जन्म विवरण और पंडित जी की राय के साथ मुझे मिलिये !
शाम सात बजे वो मेरे पास आ गये उनके चेहरे से संन्तुष्टि झलक रही थी परन्तु उस वक्त मैं कुछ अन्य लोगों के साथ व्यस्त था, लगभग आधे घंटे बाद उनसे मेरी बात हुई !
वो तुरन्त मुझसे कहने लगे कि पंडित जी का कहना है कि अनुष्ठान सम्पन्न होने के बाद दोष शान्त हो जायेगा तब इन दोनो की शादी में कोई व्यवधान नहीं है !
मैने प्रश्न किया कि क्या इस सम्बन्ध के लिये लडके वाले राजी हैं ?
इस पर वह कहने लगे कि लडके के पिता से उनके घनिष्ट संम्बन्ध हैं वह तो राजी हैं इसमें कोई समस्या नहीं है ! वो तो अनुष्टान अपने घर पर ही करवाना चहते हैं !
मैने कहा खैर आप अभी ये सब छोडिये अभी तो दोनो की कुण्डली देखी जाय !
सबसे पहले लडके की कुण्डली मैने देखी बस मेरे मुह से एक ही बात निकली कि ये शादी नहीं करनी है इस लड्के के जीवन में स्थायित्व वैवाहिक स्तर पर नहीं है अर्थात दाम्पत्य जीवन में तनाव रहेगा, और बाकी सब छोड कर आप किसी तरह इस बात की जांच कराइये कि इस लडके का समाजिक रहन सहन कैसा है !
इस पर वह तुरन्त बोले हां ये तो मै तुरन्त पता करवा लुंगा मेरे कई रिस्तेदार दिल्ली में है और सभी व्यापारी है लड्का अपना स्वयं का व्यापार चलाता है तुरन्त पता चल जायेगा,
अब वो मुझसे लडकी की कुण्डली देखने को कहने लगे !
मैने कहा लड्की की कुण्डली बाद में देखुंगा जब आप लडके के बारे में सही जानकारी पता कर लेंगे तब फ़िर लडके की पत्री देखेंगे !
लगभग चार दिन के बाद दोपहर में उनका फ़ोन आया कि वो आज मिलना चाहते हैं मैने शाम सात बजे आने को कहा !
शाम सात बजे वो आ गये साथ में मिठाई का डिब्बा भी ले कर आये थे मैने उनके चेहरे की रंगत देखी तो बात समझ में आ गयी कि लडके के बारे मे तहकीकात पूरी हो गई है !
मैने पूछा बाबू जी क्या बात है आज तो बिल्कुल तरो ताजा लग रहे हैं !
मेरा इतना कहना हुआ कि बाबू जी बोल पडे वो लडका तो बिल्कुल वैसा ही है जैसा आप कह रहे थे बोले उस लड्के की बाजार में मेरा एक रिस्तेदार दलाली का काम करता है उनसे मैने कहा था वो बोले कल मै बाजार के कुछ जवान लड्कों से बात करूगा !
बाबु जी कहे जा रहे थे , जिससे भी उस दलाल नें उस लडके के बारे में पूछा उसने ही उसकी चरित्रिक एंव सामजिक बुराई ही की यहां तक कि उस दलाल को भी यकीन नहीं हो रहा था कारण वह उस बाजार में लगातार रहता है और उसको भी नहीं मालुम था, यहां तक कि लडका देखने में बहुत शरीफ़ लगता है कोई कह नहीम सकता कि चरित्रिक तौर पर इतना खराब है !  

मुझे तो वो बुजुर्ग मिठाई का डिब्बा देकर बोले अब आप बताइये क्या आज मेरी पोती की कूण्डली देखेंगे ?
मैने उनसे कहा अब यह कुण्डली मै तभी देखुंगा जब जरूरत होगी !
उन्होने मुझसे प्रश्न किया कि कम से कम वो जो मंगल वाला खतरनाक योग है उसका तो कुछ निवारण निकालिये !
मैने कहा बाबू जी जिसकी रक्षा स्वयं भगवान कर रहा है उसके लिये हम क्या कर सकते हैं !
अब आप ही बताइये अगर वह दिल्ली वाले पंडित जी नें अगर मंगल योग ना बताया होता तो शादी भी तय हो जाती और आखिर पोती की जिंदगी भी खराब हो जाती सारा का सारा दोष भी आप पर ही आता, खैर जिसकी कुण्डली में मंगल दोष है उसका अमंगल कैसे हो सकता है भाई मंगल अर्थात कल्याण तो दोषी कैसे होगा !
बाबू जी मुस्कुराने लगे कारण वह मुझे बचपन से जानते थे वह बोले अच्छा अब कम से कम ये तो बताइये मै क्या करूं ?
मैने कहा आप आज ड्राइवर के साथ चिडियाघर जाईये और बंदरों की दावत करिये !
शाम को उनका फ़ोन आया तो कहने लगे सभी घर के लोगों को भी पूरी घटना बतादी कारण चीडियाघर जाने की बात से आखिर बात चली और सभी को बता दी और आज चिडियाघर में मंगल देव के दूतों अर्थात बन्दरॊं की दावत की,,,,,,,,,,,
अब आप ही बताइये प्रभू को जिसका कल्यांण करना है तो वो कैसे भी हो होगा !

मेरा यहां कहने का तात्पर्य सिर्फ़ इतना है कि किसी भी कुण्डली के किसी भाव में किसी ग्रह के स्थित होने से ना तो कोई ग्रह शुभ होता है ना अशुभ !
शुभ और अशुभ का मूल्यांकन करने के लिये ये देखना अत्यंन्त आवस्यक है कि ग्रह किस भाव का स्वामी है तथा अपने स्वामित्व भाव से कितने अंशों के अन्तर पर उस भाव में आकर स्थित हुआ है, तथा ग्रह का मनोवैज्ञानिक स्वभाव एंव चरित्र क्या है अब ग्रह जहां बैठा है कम से कम यह तो मूल्यांकन करना चाहिये कि जिस स्थान अर्थात राशि/नक्षत्र में बैठा है उस क्षेत्र की ऊर्जा का स्वभाव चरित्र क्या है अर्थात ग्रह-राशि-नक्षत्र तीनों के मनोवैज्ञानिक स्वभाव चरित्र के समन्वय के आधर पर ही कोई फ़लादेश करना चाहिये, ये आवश्यक नहीं कि जो हमें दिख रहा है वह प्रमाणिक तौर पर सत्य है, इसलिये सूक्ष्म तरीके से अध्यन तथा मूल्यांकन करने के पश्चात ही कुछ कहना चाहिये !
अन्यथा किसी त्रुटी का फ़ल ज्योतिष को भुगतना ही पडेगा ! कारण जातक के साथ तो वही होगा जो ग्रह कह रहे हैं !