मंगलवार, 14 दिसंबर 2010

शुक्र अष्टोत्तरशतनामावलिः

** शुक्र अष्टोत्तरशतनामावलिः **


शुक्र आज के भौतिक जगत में सबसे महत्वपूर्ण ग्रह है जो मनुष्य के
जीवन मे भौतिक सुख सुविधाओं का कारक है तथा सुन्दरता, एश्वर्य, सन्गीत,
विवाह, मानसिक सन्तुष्टि, तथा प्रेम-सम्बन्धो आदि को दर्शाता है !
कुण्डली मे शुक्र की अशुभ स्थित अत्यंत दुख दायी होती है !
जिसके परिणाम स्वरूप विवाह मे विलम्ब जीवन साथी से तनाव तथा 
यौन रोग आदि जैसे कष्ट प्राप्त होते है !
शुक्र के अशुभ प्रभाव से मुक्ति हेतु इस स्त्रोत का श्रद्धा पूर्वक नित्य
पाठ करना कल्याणकारी है तथा भौतिक सुख दायक है यह अनुभव किया गया है !

** शुक्र अष्टोत्तरशतनामावलिः **

 
शुक्र बीज मन्त्र : - 
ॐ द्राँ द्रीं द्रौं सः शुक्राय नमः !!



ॐ शुक्राय नमः  !!१
ॐ शुचये नमः  !!२
ॐ शुभगुणाय नमः  !!३
ॐ शुभदाय नमः  !!४
ॐ शुभलक्षणाय नमः  !!५
ॐ शोभनाक्षाय नमः  !!६
ॐ शुभ्रवाहाय नमः !!७
ॐ शुद्धस्फटिकभास्वराय नमः !!८
ॐ दीनार्तिहरकाय नमः  !!९
ॐ दैत्यगुरवे नमः !!१०
ॐ देवाभिवन्दिताय नमः  !!११
ॐ काव्यासक्ताय नमः !!१२
ॐ कामपालाय नमः  !!१३
ॐ कवये नमः !!१४
ॐ कल्याणदायकाय नमः !!१५
ॐ भद्रमूर्तये नमः !!१६
ॐ भद्रगुणाय नमः !!१७
ॐ भार्गवाय नमः !!१८
ॐ भक्तपालनाय नमः !!१९
ॐ भोगदाय नमः !!२०
ॐ भुवनाध्यक्षाय नमः !!२१
ॐ भुक्तिमुक्तिफलप्रदाय नमः !!२२
ॐ चारुशीलाय नमः !!२३
ॐ चारुरूपाय नमः !!२४
ॐ चारुचन्द्रनिभाननाय नमः !!२५
ॐ निधये नमः !!२६
ॐ निखिलशास्त्रज्ञाय नमः !!२७
ॐ नीतिविद्याधुरंधराय नमः !!२८
ॐ सर्वलक्षणसंपन्नाय नमः !!२९
ॐ सर्वापद्गुणवर्जिताय नमः !!३०
ॐ समानाधिकनिर्मुक्ताय नमः !!३१
ॐ सकलागमपारगाय नमः !!३२
ॐ भृगवे नमः !!३३
ॐ भोगकराय नमः !!३४
ॐ भूमिसुरपालनतत्पराय नमः !!३५
ॐ मनस्विने नमः !!३६
ॐ मानदाय नमः !!३७
ॐ मान्याय नमः !!३८
ॐ मायातीताय नमः !!३९
ॐ महायशसे नमः !!४०
ॐ बलिप्रसन्नाय नमः !!४१
ॐ अभयदाय नमः !!४२
ॐ बलिने नमः !!४३
ॐ सत्यपराक्रमाय नमः !!४४
ॐ भवपाशपरित्यागाय नमः !!४५
ॐ बलिबन्धविमोचकाय नमः !!४६
ॐ घनाशयाय नमः !!४७
ॐ घनाध्यक्षाय नमः !!४८
ॐ कम्बुग्रीवाय नमः !!४९
ॐ कलाधराय नमः !!५०
ॐ कारुण्यरससंपूर्णाय नमः !!५१
ॐ कल्याणगुणवर्धनाय नमः !!५२
ॐ श्वेताम्बराय नमः !!५३
ॐ श्वेतवपुषे नमः !!५४
ॐ चतुर्भुजसमन्विताय नमः !!५५
ॐ अक्षमालाधराय नमः !!५६
ॐ अचिन्त्याय नमः !!५७
ॐ अक्षीणगुणभासुराय नमः !!५८
ॐ नक्षत्रगणसंचाराय नमः !!५९
ॐ नयदाय नमः !!६०
ॐ नीतिमार्गदाय नमः !!६१
ॐ वर्षप्रदाय नमः !!६२
ॐ हृषीकेशाय नमः !!६३
ॐ क्लेशनाशकराय नमः !!६४
ॐ कवये नमः !!६५
ॐ चिन्तितार्थप्रदाय नमः !!६६
ॐ शान्तमतये नमः !!६७
ॐ चित्तसमाधिकृते नमः !!६८
ॐ आधिव्याधिहराय नमः !!६९
ॐ भूरिविक्रमाय नमः !!७०
ॐ पुण्यदायकाय नमः !!७१
ॐ पुराणपुरुषाय नमः !!७२
ॐ पूज्याय नमः !!७३
ॐ पुरुहूतादिसन्नुताय नमः !!७४
ॐ अजेयाय नमः !!७५
ॐ विजितारातये नमः !!७६
ॐ विविधाभरणोज्ज्वलाय नमः !!७७
ॐ कुन्दपुष्पप्रतीकाशाय नमः !!७८
ॐ मन्दहासाय नमः !!७९
ॐ महामतये नमः !!८०
ॐ मुक्ताफलसमानाभाय नमः !!८१
ॐ मुक्तिदाय नमः !!८२
ॐ मुनिसन्नुताय नमः !!८३
ॐ रत्नसिंहासनारूढाय नमः !!८४
ॐ रथस्थाय नमः !!८५
ॐ रजतप्रभाय नमः !!८६
ॐ सूर्यप्राग्देशसंचाराय नमः !!८७
ॐ सुरशत्रुसुहृदे नमः !!८८
ॐ कवये नमः !!८९
ॐ तुलावृषभराशीशाय नमः !!९०
ॐ दुर्धराय नमः !!९१
ॐ धर्मपालकाय नमः !!९२
ॐ भाग्यदाय नमः !!९३
ॐ भव्यचारित्राय नमः !!९४
ॐ भवपाशविमोचकाय नमः !!९५
ॐ गौडदेशेश्वराय नमः !!९६
ॐ गोप्त्रे नमः !!९७
ॐ गुणिने नमः !!९८
ॐ गुणविभूषणाय नमः !!९९
ॐ ज्येष्ठानक्षत्रसंभूताय नमः !!१००
ॐ ज्येष्ठाय नमः !!१०१
ॐ श्रेष्ठाय नमः !!१०२
ॐ शुचिस्मिताय नमः !!१०३
ॐ अपवर्गप्रदाय नमः !!१०४
ॐ अनन्ताय नमः !!१०५
ॐ सन्तानफलदायकाय नमः !!१०६
ॐ सर्वैश्वर्यप्रदाय नमः !!१०८
ॐ सर्वगीर्वाणगणसन्नुताय नमः !!
!!  इति शुक्र अष्टोत्तरशतनामावलिः सम्पूर्णम्  !!

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