गुरुवार, 16 जून 2011

क्यों बढ रही हैं तलाक की दर आज ?

आज के भौतिकवादी वतावरण में जहां मनुष्य अपने जीवन में व्यस्त से व्यस्ततम होता जा रहा है वहीं आज समाज में परिवारों में बिखराव होता जा रहा है संयुक्त परिवार तो आज देखने को नहीं मिलते जिसका परिणाम यह कि वैवाहिक जीवन अलगाव की राह पर चल पडता है !
आज समाज में तलाक की दर दिन प्रतिदिन बढती जा रही है यहां तक कि पश्चिमी देश तलाक के मामले में हमसे पीछे रह गये हैं, जो दम्पत्ति कल कह रहे थे कि वे एक दूसरे के बगैर जी नही सकते वो आज एक दूसरे के चेहरे नहीं देखना चाहते आखिर यह सब क्यों ?
कोई तो ऐसी चीज है जिसके कारण यह सब घट रहा है ?
दुनिया का हर व्यक्ति एक संतुष्टि चाहता है अब वह संतुष्टि क्या है किस प्रकार की संतुष्टि है उस व्यक्ति की द्रष्टि में उस संन्तुष्टि की परिभाषा क्या है क्या है उसके संन्तुष्टि को नापने का पैमाना............
यह प्रत्येक व्यक्ति के व्यक्तिगत मनोविज्ञान का अध्यन करने के बाद पता चलता है !

रही बात असंन्तुष्टि के बाद पैदा होने वाले तनाव की .............

कई बार देखने में आया है कि असंन्तुष्टि जन्म किसी दूसरे व्यक्ति से है जिसका पारिवरिक माहौल से कोई लेना देना नहीं है पर उस असंन्तुष्टि के कारण जो तनाव पैदा हो रहा है उसका असर परिवारिक जीवन में आ रहा है !

आप इसे इस प्रकार समझिये कि आपसे रास्ते में किसी अधिकारी से कोई बात हुई आपकी कोई भी गलती ना होने के बाद भी अधिकारी ने आपसे ऐसा व्यवहार किया कि आप तनाव ग्रस्त हो गये पर आप उस अधिकारी से कुछ नहीं कह पाए !
परिणाम आपके अन्दर जो तनाव, क्रोध या आक्रोश है वह तो अन्दर है आप उस अधिकारी से कुछ नहीं कह पाए .......यह आक्रोश जो आपके अन्दर है यह बाहर निकलने को बेताब है .......
अब इस घटना के तुरन्त बाद यदि कोई आपके संपर्क में आया तो संभव है उसके प्रति अपके द्वारा होने वाले व्यवहार में वह आक्रोश प्रकट हो सकता है !
कहने का तात्पर्य यह कि तनाव कहीं का काम कहीं कर रहा है !
परिणाम तो खुदा जाने ..........
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